Updated: 17-05-2025 at 12:30 PM
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भारत में फसल बीमा योजनाओं की आवश्यकता पर अक्सर बहस होती रही है। इसका कारण किसानों की आय का नुकसान और देश को फसलों या भोजन की कमी होना है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए 1999 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना शुरू की गई और बाद में इसमें संशोधन भी किया गया।
हालांकि, इन योजनाओं ने प्रीमियम के विश्लेषण, निर्धारण और भुगतान में उभरी विभिन्न समस्याओं का पूरी तरह से समाधान नहीं किया। इसी वजह से सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) शुरू करने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, "एक राष्ट्र-एक योजना" के अंतर्गत एकीकृत और नवीनतम फसल बीमा योजना है। यह पिछली योजनाओं की लाभदायक और फायदेमंद विशेषताओं का संयोजन है, जिसमें कुछ संशोधन भी किए गए हैं।
और पढ़ें: Farmers Pay Rs 32,440 Crore Premium Under PMFBY; Claims Worth Over Rs 1.64 Lakh Crore Cleared
पीएमएफबीवाई के मुख्य उद्देश्य हैं
प्राकृतिक आपदाओं, अप्रत्याशित घटनाओं, कीटों और जानवरों के कारण फसल नुकसान की स्थिति में वित्तीय सहायता और बीमा कवरेज प्रदान करना।
किसानों की आय के नुकसान को कम करना और उनकी आय को स्थिर करना।
खेती की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी और नवीन तरीकों को बढ़ावा देना।
कृषि क्षेत्र में ऋण के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करना।
पीएमएफबीवाई की शुरुआत की तारीख 18 फरवरी 2016 है। इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoAFW) द्वारा शुरू किया गया था और इसमें कृषि के साथ-साथ बागवानी फसलें भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की कमजोरियां: पीएमएफबीवाई लाने की आवश्यकता
1999 की राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) में कुछ कमजोरियां थीं, जिन्हें पीएमएफबीवाई लागू करने के साथ दूर किया गया। आइए उन पर एक नजर डालते हैं:
कम कवरेज
कम परिचालन प्रदर्शन
किसानों की कम भागीदारी
जागरूकता की कमी
किसानों तक पहुंच की कमी
इन कमजोरियों ने सरकार को NAIS को PMFBY से बदलने के लिए प्रेरित किया।
और पढ़ें: प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना
पीएम फसल बीमा योजना किसानों को उनकी उपज पर बीमा कवरेज प्रदान करके लाभान्वित करती है। आइए सरकारी योजना के लाभों पर एक संक्षिप्त नज़र डालें:
कम प्रीमियम दरें: किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दरें कृषि के लिए न्यूनतम 2% और बागवानी फसलों के लिए क्रमशः 5% निर्धारित की गई हैं। कम प्रीमियम दरें किसानों की भागीदारी और सरकार की भागीदारी के कारण समय पर बीमा दावा भुगतान सुनिश्चित करती हैं।
सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं: सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले प्रीमियम की राशि पर कोई ऊपरी सीमा नहीं रखी गई है। सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले प्रीमियम का प्रतिशत 90% जितना अधिक हो सकता है।
नवाचार को बढ़ावा: प्रौद्योगिकी और नवाचार को बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा। फसल कटाई की तस्वीरें और डेटा अपलोड करने का काम अब बीमा दावा भुगतान के समय को कम करने के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करके किया जाएगा।
सेवा कर देयता: पीएमएफबीवाई, NAIS योजना के विपरीत, सेवा कर देयता से मुक्त है। सरकारी योजना के कार्यान्वयन में उपयोग की जाने वाली सभी सेवाएं ऐसे कर से मुक्त हैं।
इस सरकारी योजना या कार्यक्रम के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
सभी किसान जो अधिसूचित फसलें उगाते हैं।
ऐसी फसलें अधिसूचित क्षेत्र में उगाई जानी चाहिए।
किसानों का ऐसी फसलों में बीमाਯोग्य हित होना चाहिए।
पीएमएफबीवाई के तहत बीमा योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित पीएमएफबीवाई वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाएं।
"किसान कॉर्नर" पर क्लिक करें और फसल बीमा योजना के लिए स्वयं को पंजीकृत करने का विकल्प चुनें।
आवश्यक विवरण भरें और संबंधित दस्तावेज अपलोड करें।
आप यहां अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
पीएमएफबीवाई का लक्ष्य किसानों को जरूरत के समय सहायता और आश्वासन देना है। कृषि क्षेत्र की जरूरतों और विकास के अनुसार योजना के दिशानिर्देशों में समय-समय पर संशोधन किया जाता है। यह सरकारी योजना खासकर भौगोलिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में किसानों के लिए वरदान है।
अधिक जानकारी के लिए, कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाइन 14447 पर कॉल करें या https://pmfby.gov.in/ पर जाएं। जागरूक भारत की आधिकारिक वेबसाइट देखें। आप कोई प्रश्न भी पूछ सकते हैं, या अपनी राय यहां रख सकते हैं।
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